हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की शादी (wedding) और महर
जब हज़रत हव्वा को पैदा किया गया तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने उनकी तरफ़ मीलान करना चाहा और इरादा फ़रमाया कि दस्ते मुहब्बत बढ़ायें तो फ़रिश्तों ने कहा ऐ आदम ठहर जाओ पहले महर अदा कर दो आपने फ़रमायाः
वह महर क्या है? फरिश्तों ने कहा महर यह है कि तुम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुरूद पढ़ो।
एक रिवायत में तीन दफा और एक में सत्तर मर्तबा दुरूद पाक पढ़ने का हुक्म दिया गया यानी इस मसले में इत्तेफाक है कि आदम अलैहिस्सलाम का महर यही था कि वह नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुरूद पाक पढ़ें आप ने दुरूद पढ़ा और फ़रिश्तों की गवाही से निकाह हुआ।
(ads2)
इससे यह भी पता चला कि बेशक नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर मौजूद चीज़ के लिये वसीला हैं यहां तक कि आप अपने बाप हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का भी वसीला हैं। दूसरी रिवायत के मुताबिक आप को और हज़रत हव्वा को शादी के बाद फ़रिश्ते सोने के तख़्त पर बैठा कर इस तरह जन्नत में ले गये जिस तरह बादशाहों को इज़्ज़त की ख़ातिर उठाकर ले जाते हैं गोया कि बारात की वापसी पर फ़रिश्ते सुनहरी डोली में दोनों मियां-बीवी को उठाकर ला रहे हैं।
कानूने कुदरत और कानूने आदत में फर्क
अल्लाह तआला की आदत शरीफा यह है कि आम तौर पर कामों के अस्बाब बना दिये हैं इसी तरह इंसानों की पैदाईश में भी क़ानूने आदत अस्बाब के मातेहत कर दिया गया कि मां और बाप से औलाद की पैदाईश होती है लेकिन यह कानूने कुदरत नहीं।
(getButton) #text=( यह भी पढ़ें : हज़रत हव्वा की पैदाईश ) #icon=(link) #color=(#2339bd)
कानूने कुदरत की अल्लाह तआला ने एक मिसाल कायम कर दी है कि मैं इस तरह भी कर सकता हूं अस्बाब की मुझे कोई मोहताजी नहीं, मर्द और औरत के बगैर अपने दस्ते कुदरत से मिट्टी का क़ालिब बनाकर उसमें रूह फूंक कर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को पैदा फ़रमाया और औरत के बग़ैर मर्द की पसली चाक करके आम आदत के ख़िलाफ़ हज़रत हव्वा को पैदा फ़रमा कर यह वाज़ेह कर दिया कि मैं बग़ैर औरतों के मर्दों से औलाद पैदा करने पर भी क़ादिर हूं और औरत से बग़ैर उसके ख़ाविन्द के बेटा पैदा करके भी वाज़ेह कर दिया कि मेरी कुदरत से यह भी कोई बईद बात नहीं। यानी हज़रत मरयम से हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाईश तो एक आम तरीका के मुताबिक ही हुई लेकिन इसमें मर्द का कोई वास्ता नहीं, सिर्फ जिब्राईल अमीन की फूंक का असर है क्योंकि ईसा अलैहिस्सलाम का कोई बाप नहीं ।
📗 तज़किरतुल अंबिया
Question Answer
आदम अलैहिस्सलाम की शादी की महर क्या थी?नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुरूद पढ़ना आदम अलैहिस्सलाम की शादी की महर थी
(alert-passed)
(ads2)
हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम किसके बेटे हैं?हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम माँ मरयम के बेटे है. और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का कोई बाप नहीं है
(alert-passed)
महर किसे कहते है?वह धनराशि है जो शादी के समय दूल्हा, दुल्हन को देता है उसे महर कहते है,
(alert-passed)