हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की वफ़ात | Hazart Adam Alaihissalam Ki Vafat

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 हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की वफ़ात :

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की वफ़ात


जब आदम अलैहिस्सलाम का आखरी वक़्त आया तो आप को जन्नती मेवे खाने की ख़्वाहिश हुई अपने फ़रज़ंदों से कहा कि काबा मोअज्ज़मा जाओ और वहां दुआ करो कि अल्लाह तआला मेरी यह तमन्ना पूरी करे 

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आदम अलैहिस्सलाम के फ्रजंद यह हुक्म पाकर वहां पहुंचे उन्हें हज़रत जिब्राईल और दूसरे रिश्ते मिले जिन से उन्होंने आदम अलैहिस्सलाम की फ़रमाईश का ज़िक्र किया, फ़रिश्तों ने कहा हमारे साथ आओ हम जन्नत के मेवे अपने साथ लाये हैं ।

चुनांचे यह सब आदम अलैहिस्सलाम के पास पहुंचे हज़रत हव्वा उन फरिश्तों को देखकर डरने लगीं और चाहा कि आदम अलैहिस्सलाम के दामन में छुप जायें उन्होंने फ़रमाया कि हव्वा अब तुम मुझसे अलग रहो मेरे और रब के कासिदों के दर्मियान आड़ न बनो इस तरह फ़रिश्तों ने आदम अलैहिस्सलाम की रूह क़ब्ज़ कर ली ।

(getButton) #text=( यह भी पढ़ें : आदम अलैहिस्सलाम की औलाद   ) #icon=(link) #color=(#2339bd)

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की तजहीज़ व तकफीन फरिश्तों ने कीः

फ़रिश्तों ने आदम अलैहिस्सलाम के बेटों को कहा जिस तरह हम तुम्हारे बाप का कफ़न व दफ़न करेंगे इसी तरह तुम फ़ौत होने वाले लोगों का कफ़न दफ़न करना ।

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जिब्राईल अलैहिस्सलाम जन्नत की मुरक्कब खुशबू और जन्नती जोड़े का कफ़न और जन्नती बेरी के कुछ पत्ते अपने साथ लाये थे उनको खुद गुस्ल दिया और कफ़न पहनाया और खुश्बू मिली और मलायका उनका जिस्म मुबारक काबा में लाये और उन पर सारे फ़रिश्तों ने नमाज़ जनाज़ा अदा की जिसमें हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम इमाम थे और सारे रिश्ते मुक्तदी। उस नमाज़ में चार तकबीरें कहीं जैसे कि आज होती हैं फिर मक्का मोअज्ज़मा से तीन मील के फासले

पर मक़ाम मेना में ले गये जहां कि हाजी कुरबानी करते हैं और उसी जगह हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने हज़रत इस्माईल की कुरबानी की वहां मस्जिद खैफ के क़रीब बग़ली कब्र खोदकर उनको दफ़न करके उन की कब्र को ऊंट के कोहान की ढलवान बनाया । हज़रत हव्वा की क़ब्र जद्दा में है बाज़ रिवायात के मुताबिक दोनों की क़बरें हरम में तवाफ़ की जगह में हैं।


📗 तज़किरतुल अंबिया


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